हमारे WhatsApp Group में जुड़ें👉 Join Now

हमारे Telegram Group में जुड़ें👉 Join Now

12th Hindi Subjective Question Part-8| सिपाही की मां का पाठ का सारांश लिखें | vvi hindi subjective question

1.सिपाही की मां का पाठ का सारांश लिखें

सिपाही की माँ शीर्षक एकांकी के एकांकीकार मोहन राकेश द्वारा लिखित अंडे के छिलके तथा अन्य एकांकी से ली गई है। इस एकांकी में एक माँ (नाम-बिशनी) अपनी एकमात्र बेटी (नाम- मुन्नी) की शादी के लिए पैसे के लिए परेशान है। एकमात्र बेटा (नाम-मानक) कमाने गया है । लड़ाई में उसके मारे जाने का भी भय है । मोहन राकेश की इस मार्मिक रचना में निम्न मध्य वर्ग की एक ऐसी मॉ – बेटी की कथावस्तु प्रस्तुत है जिनके घर का इकलौता लड़का सिपाही के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध के मोर्चे पर बर्मा में लड़ने गया है । वह अपनी माँ का इकलौता बेटा और विवाह के लिए तैयार अपनी बहन का इकलौता भाई है । उसी पर घर की पूरी आशा टिकी हुई है । वह लड़ाई के मोर्चे से कमाकर लौटे तो बहन के हाथ पीले हो सकें अर्थात बहन की शाफी हो सकेगी। माँ एक देहाती भोली स्त्री है , वह यह भी नहीं जानती कि बर्मा उसके गाँव से कितनी दूर है और लड़ाई कैसी और किनसे किसलिए हो रही है उसका अंजाम ऐसा भी हो सकता है कि सब कुछ खत्म हो जाए ऐसा वह सोच भी नहीं सकती । लेकिन माँ को अपने बेटे के चिट्ठी का इन्तेजार दिन रात रहता है। लेकिन माँ को बेटा का चिट्ठी भी प्राप्त नही होता है। सपने में बिशनी को मानक देखाई देता है। वह उससे बातचीत करती है। वह बुरी तरह घायल है और बताता है कि दुश्मन उसके पीछे लगा है बिशनी उसे लेटने को कहती है पर वह पानी मांगता है। तभी वहां एक सिपाही आता है और वह उसे मरा हुआ बताता है यह सुनकर बिशनी सहम जाती है लेकिन तभी मानक कहता है कि मैं मरा नहीं हूं। वह सिपाही मानक को मारने की बात कहता है लेकिन बिशनी कहती है कि मैं इसकी मां हूं और इससे मरने नहीं दूंगी सिपाही मानक को वहशी तथा खूनी बताता है लेकिन बिशनी उसकी बात को नकार देती है। वह कहती है कि यह बुरी तरह घायल है और इसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। इसलिए तू इसे मारने का विचार त्याग दें। जवाब में सिपाही कहता है कि अगर मैं इसे नहीं मारूंगा तो यह मुझे मार देगा बिशनी विश्वास दिलाती है की यह तुझे नहीं मारेगा तभी मानक खड़ा होता है और उस सिपाही को मारने की बात कहता है बिशनी उसे समझाती है लेकिन वह नहीं मानता है और उसकी बोटी-बोटी करने की बात कहता है। यह सुन बिशनी चिल्लाकर बैठती है। वह जोर- जोर से मानक! मानक! कहती है। उसकी आवाज सुनकर मुन्नी आती है। मां की स्थिति देखकर वह कहती है कि तुम रोज भैया के सपने देखती हो जब कि मैंने तुमसे कहा था कि भैया जल्दी आएंगे फिर वह अपने मां गले लग जाती है। बिशनी उसका माथा चूमकर उसे सो जाने को कहती है और मन ही मन कुछ गुनगुनाने लगती है

2. बिशनी मानक की माँ है पर उसमें किसी भी सिपाही की माँ को ढूँढा जा सकता है, कैसे
उत्तर- एकांकी के दुसरे भाग में बिशनी स्वप्न में जो कुछ देखती है , जिन घटनाओं की यहाँ योजना की गयी है , वह सब यह संकेत कर देता है कि उसके किसी भी सिपाही के प्रति वात्सल्य खोजा जा सकता है । जब एक सिपाही मानक को खदेड़ते हुए आता है। उस समय मानक माता के गले से लिपट जाता है । वह सिपाही पूछता है कि तुम इसकी क्या लगती हो बिशनी उत्तर देती है मैं उसकी माँ हूँ मैं तुझे कभी डरने नहीं दूंगी । सिपाही कहता है यह हजारों का दुश्मन है वे भी उसको खोज रहे हैं । उस पर बिशनी कहती है- तू भी तो आदमी है तेरा भी घर बार होगा तेरी भी माँ होगी तू माँ के दिल को नहीं समझता । मैं अपने बच्चे को अच्छी तरह जानती हूँ । साथ ही जब मानक सिपाही को धक्का देकर बन्दूक छीनकर उसका कुन्दा सिपाही के सीने की ओर तान देता है तो बिशनी कहती है- नहीं मानक तू इसे नहीं मारेगा इसकी माँ इसके पीछे रो – रोककर पागल हो जायेगी । वह फिर चीखती है- नहीं मानक , तू इसे नहीं मारेगा तुझे तेरी माँ की सौगन्ध है । ये सारे संवाद यह स्पष्ट करते हैं कि वह जितना मानक को चाहती है उतना ही उस सिपाही को बचाना चाहती है उसके मन में दोनों के प्रति प्रेम है । उसकी यह स्थिति यह स्पष्ट करती है कि उसमें किसी भी सिपाही की माँ को भी ढूँढ़ा जा सकता है।
3. मुन्नी के विवाह की चिन्ता न होती तो मानक लड़ाई पर न जाता , यह चिन्ता भी किसी लड़ाई से कम नहीं है क्या आप इस कथन से सहमत हैं अपना मत दें।
उत्तर- निम्न मध्यवर्ग का परिवार सदा आर्थिक दबाव में रहता है पर यह परिवार पूर्णत निम्न मध्यवर्गीय परिवार था , पिता विहीन परिवार था । वह मात्र एक कमाने वाला सदस्य था । ग्रामीण क्षेत्र में कमाई के साधन सुलभ नहीं हैं । कठिन परिश्रम करके भी दो जून की रोटी जुटा पाना भी सहज सम्भव नहीं है । साथ ही छोटी बहिन थी जो चन्द्रकला के समान बढ़ती ही जा रही थी। उसका विवाह आवश्यक था । आज विवाह में वर पक्ष अपना मुँह फाड़ता है वह कन्यापक्ष को समूचा ही निगल जाना चाहता है अत एक ही उपाय था कि मानक सेना में जाकर कुछ धन कमावे जिसके माध्यम से मुन्नी के हाथ पीले हो सकें । यह कथन उपयुक्त है कि समाज का कोढ़ है . दहेज लोभ इसके विरुद्ध युवा पीढ़ी को खड़ा होना होगा ।
4.सिपाही के घर की स्थिति मानक के घर से भिन्न नहीं है। कैसे स्पष्ट करें ।
उत्तर- दोनों ही व्यक्ति सिपाही और मानक अपने – अपने घर के इकलौते चिराग हैं। दोनों पर परिवार का उत्तरदायित्व है । मानक के सामने यदि बहन के विवाह की समस्या है तो सिपाही के सामने पत्नी है जिसका प्रसव निकट है। दोनों का परिवार आर्थिक संकटों से जूझ रहा है। बिशनी स्पष्ट करती है- यह किसी दुश्मनी ते लड़ाई में नहीं गया । इसे मैंने ही लड़ाई में भेजा था । यह उसकी विवशता थी । बिशनी यह भी कहती है , नहीं मानक तू इसे नहीं मारेगा यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है , इसकी माँ इसके पीछे रो – रो कर पागल हो गई है । इसके कोई बच्चा होने वाला है । यह मर गया तो इसकी बीबी फाँसी लगाकर मर जायेगी । जहाँ मानक का परिवार मानक पर आश्रित है वहीं सिपाही का परिवार भी उस पर आश्रित है अत कुल मिलाकर सिपाही के घर की हालत भी वैसी ही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!