1.1एंपियर को परिभाषित करें?
एंपियर:- जब किसी चालक से एक सेकंड में एक कूलाम आवेश प्रवाहित हो तो उसे चालक से प्रवाहित धारा 1एम्पीयर कहलाती है।
1एम्पीयर = 1कूलंब/1 सेकेंड
2.विभवांतर से आप क्या समझते हैं?
विभवांतर:- दो विभवों के बीच के अंतर को विभवांतर कहते हैं। इसे `V` द्वारा सूचित किया जाता है। इसका S•I मात्रक वोल्ट होता है।
🔥 विभवांतर को वोल्टमीटर द्वारा मापा जाता है।
3.विद्युत विभव क्या है?
विद्युत विभव:- इकाई धन आवेश को अनंत से विद्युतीय क्षेत्र के किसी एक बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य की मात्रा को उस बिंदु का विद्युतीय विभव कहते हैं। इसे `V` सूचित किया जाता है। इसका S•I मात्रक वोल्ट होता है।
🔥 पृथ्वी पर विद्युतीय विभव शून्य माना जाता है।
4.प्रतिरोध क्या है?
प्रतिरोध:- चालक पदार्थ वह गुण जो उस पदार्थ से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है। इसका S•I मात्रक ओम (Om) होता है। इसे `R` द्वारा सूचित किया जाता है।
R = V/I
5.फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम: – अपने बाएं हाथ की तर्जनी, मध्यमा और अंगूठे के परस्पर लंबवत इस प्रकार फैलाएं कि यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और मध्यमा धारावाही चालक पर लगे बल की दिशा को व्यक्त करेगा।
6.विद्युत चुंबक (अस्थाई चुंबक) और स्थाई चुंबक में अंतर लिखें।
अस्थाई चुंबक
(i) यह एक अस्थाई चुंबक है।
(ii) यह प्रबल चुंबकीय बल लगा सकता है।
(iii) इसे विद्युत चुंबक भी कहते हैं।
स्थाई चुंबक
(i) यह एक स्थाई चुंबक है।
(ii) इसका आकर्षण बल कमजोर होता है।
(iii) स्थाई चुंबक की शक्ति निश्चित होती है।
7.विद्युत मोटर:- विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है। विद्युत मोटर का उपयोग विद्युत पंखे, कपड़ा धोने का मशीन इत्यादि में किया जाता है।
8.चुंबकीय फलक्स से आप क्या समझते हैं?
चुंबकीय फलक्स:- समतल सतह पर चुंबकीय क्षेत्र के अभिलंब घटक तथा सतह का क्षेत्रफल के गुणनफल के सतह को चुंबकीय फ्लक्स कहते हैं। इसका S•I मात्रक वेबर होता है।
9.विद्युत जनित्र:- विद्युत जनित्र या डायनेमो एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। यह विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
10.पानी में रखा हुआ सिक्का उठा हुआ दिखता है क्यों?
उत्तर:- जैसे-जैसे कटोरे में पानी डालते हैं, वैसे-वैसे सिक्का पुनः धीरे-धीरे ज्यादा दिखाई देने लगता है, क्योंकि अपवर्तन के कारण सिक्के की स्थिति उसकी वास्तविक स्थिति से ऊपर उठता प्रतीत होता है।
11.हीरा का अपवर्तनांक 2.42 होता है इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:- चूॅंकि हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है। इसलिए इसका घनत्व भी अधिक होगा।
अर्थात् n = c/v
n का मान सबसे अधिक तथा v का मान कम होगा।
12.अवतल लेंस को अपसारी लेंस क्यों कहते हैं?
उत्तर:- अवतल लेंस द्वारा उत्पन्न प्रकाश की किरणें एक बिंदु पर अपसरित होती हुई मालूम पड़ती है। इसलिए अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं।
13.उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहते हैं?
उत्तर:- उत्तल लेंस द्वारा आपतित प्रकाश की सभी किरणे लेंस की दूसरी ओर एक ही बिंदु पर अभिसरित होती है। इसलिए उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस कहते हैं।
14.फ्रिज में से होकर प्रकाश के अपवर्तन का नामांकित किरण आरेख खींचें।
15.अम्ल और क्षार में अंतर लिखें।
अम्ल
(i) इसका स्वाद खट्टा होता है
(ii) इसका PH मान 7 से कम होता है।
(iii) यह क्षारक को उदासीन कर देता है।
क्षार
(i) इसका स्वाद कड़वा होता है
(ii) इसका PH मान 7 से अधिक होता है।
(iii) यह अम्ल को उदासीन कर देता है।
16.बेकिंग सोडा का उपयोग लिखें।
(i) बेकिंग पाउडर में
(ii) शराब में
(iii) केक, पुआ पकवान में
17.विरंजक चूर्ण का उपयोग लिखें।
(i) कपड़ा धोने में
(ii) जल को शुद्ध करने में होता है।
(iii) क्लोरोफार्म में
18.प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग लिखें।
(i) दीवारों को सफेदी करने में
(ii) टूटी हुई हड्डियों में प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग होता है।
(iii) मूर्ति में
19.शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है।
उत्तर:- शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस में हाइड्रोजन आयन नहीं होता है। इसलिए यह अम्लीय प्रदर्शित नहीं करता है।
20.उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है?
उदासीनीकरण अभिक्रिया:- अम्ल एवं क्षारक के अभिक्रिया के फलस्वरुप लवण एवं जल बनता है। इसे ही उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
Ca (OH)2 + H2SO4 🔜 Caso4 + H2O
21.खनिज:- भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले धातु युक्त ठोस पदार्थ को खनिज कहते हैं।
22.अयस्क:- जिनसे धातुएं आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त किए जा सकते हैं, उसे अयस्क कहते हैं।
23.गैंग:- अयस्कों में मिली हुई अशुद्धियों को गैंग कहते हैं।
24.लोहे की वस्तुओं को पेंट क्यों करते हैं?
उत्तर:- लोहे की वस्तुओं को जंग लगने से बचाने के लिए उस पर हम पेंट करते हैं। पेंट करने से लोहा की वस्तुएं को सतह से नमी या हवा के बीच का संपर्क टूट जाता है, जिससे जंग नहीं पकड़ता है।
25.वन संरक्षण हेतु कार्य कौन–कौन आवश्यक है?
उत्तर:- वन संरक्षण हेतु कार्य निम्नलिखित है।
(i) निश्चित रूप से प्रतिवर्ष वृक्षारोपण करना।
(ii) उसे सदा संरक्षित करना।
(iii) पेड़ों की कटाई पर रोक लगाना।
26.समजातीय श्रेणी से आप क्या समझते हैं?
समजातीय श्रेणी:- कार्बन यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिनके सभी सदस्यों में एक ही प्रक्रियात्मक समूह रहता है तथा दो क्रमागत सदस्यों के अणुजेडसूत्र में -CH2 का अंतर रहता है उसे समजातीय अंग कहते हैं।
जैसे:- Cn2n+2
27.लोहे को जंग से बचाने के लिए दो उपाय बताएं।
उत्तर:- लोहे को जंग से बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय।
(i) यशद लेपन करना
(ii) पेंट करना
28.उत्प्रेरक से आप क्या समझते हैं?
उत्प्रेरक:- वैसे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया उत्प्रेरक करें उसे उत्प्रेरक कहते हैं।
29.प्लैटिनम, सोना एवं चांदी का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है क्यों?
उत्तर:- प्लैटिनम, सोना एवं चांदी का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है, क्योंकि इससे धातुएं आसानी से संक्षारित नहीं होती है।
30.पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखना चाहिए?
उत्तर:- दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल पाया जाता है और धातुओं से अभिक्रिया कर लवण एवं h2 गैस का निर्माण करता है, जिसके कारण पदार्थ खाने योग्य नहीं रहता है और बर्तन क्षारीय हो जाता है।
31.आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:- आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है, क्योंकि धन एवं ऋण आयनों के बीच काफी मजबूत आकर्षण बल होता है। इससे तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
32.अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:- अम्ल जल में खुलकर आयनों (धन एवं ऋण) का निर्माण करता है। इसलिए अम्ल का जलीय विलयन विद्युत का चालन करता है।
33.आयोडीन युक्त नमक की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर:- अवटू ग्रंथि के थायरोक्सिन हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक है। थायरोक्सिन कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन तथा वसा के उपापचय को हमारे शरीर में नियंत्रित करता है। थायरोक्सिन के संश्लेषण के लिए आयोडीन अनिवार्य है। आयोडीन की कमी से घेंगा अथवा ग्वाटर नामक बीमारी होती है। इसलिए आयोडीन युक्त नमक की सलाह दी जाती है।
34.डोबेराइनर का त्रिक नियम: – यदि समान गुण वाले तीन-तीन तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते हुए क्रम में सजाया जाए तो बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान, शेष दो परमाणु द्रव्यमान के औसत के लगभग बराबर होता है।
35.न्यूलैंड् का अष्टक नियम: – तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमानो के बढ़ते हुए क्रम में सजाया जाए तो प्रत्येक आठवें तत्व का गुण पहले तत्व के समान होता है। इसे न्यूलैंड् का अष्टक नियम कहते हैं।
36.समावयता से आप क्या समझते हैं?
समावयता:- वैसे विभिन्न कार्बनिक योगिक जिनका अनुसूत्र सामान हो, लेकिन संरचना सूत्र और रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न हो समावयवी कहलाते हैं। इसी घटना को समावयताकहते हैं।
37.संतृप्त हाइड्रोकार्बन क्या है?
संतृप्त हाइड्रोकार्बन:- वैसे हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन परमाणु की चारों सयोजकताएं एकल बंधन द्वारा जुड़ी रहती है, उसे संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
जैसे:- CnH2n+2
38.सोडियम को केरोसिन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:- सोडियम सामान्य ताप पर नमी एवं हवा के ऑक्सीजन के साथ तेजी से अभिक्रिया करता है। सोडियम केरोसिन तेल में ना तो घुलती है और ना ही कोई अभिक्रिया करती है। इसलिए सोडियम को केरोसिन तेल में डुबोकर रहते हैं।
🔥मिश्र धातु: – पीतल, तांबा, जस्ता, टीम इत्यादि।
39.अल्मुनियम धातु का निष्कर्षण: –
# अलमुनियम का संकेत Al
# परमाणु संख्या 13
# अलमुनियम का प्रमुख अयस्क
बॉक्साइट (Al2O3•2H2O)
क्रायोलाइट (Na3AlF3)
40.सोडियम धातु का निष्कर्षण: –
# सोडियम का संकेत Na
# परमाणु संख्या 11
# सोडियम का प्रमुख अयस्क
धोवन सोडा (Na2CO3•10H2O)
नमक (NaCl)
41.लोहा धातु का निष्कर्षण: –
# लोहा का संकेत Fe
# परमाणु संख्या 26
# लोहा का प्रमुख अयस्क
हेमाटाइट (Fe2O3)
मैग्नेटाइट (Fe3O4)
42.मैग्नीज धातु का निष्कर्षण: –
# मैगनीज का संकेत Mn
# परमाणु संख्या 25
# मैगनीज का प्रमुख अयस्क
पैरोलुसाइड (MnO2)
43.जस्ता धातु का निष्कर्षण:-
# जस्ता का संकेत Zn
# परमाणु संख्या 30
#जस्ता का प्रमुख अयस्क
जिंक ब्लेंडे (Zns)
कैलेमाइन (ZnCO3)
44.तांबा धातु का निष्कर्षण:-
# तांबा का संकेत Cu
# परमाणु संख्या 29
# तांबा का प्रमुख अयस्क
कॉपर ग्लास (Cu2S)
कॉपर पायराइट (CuFeS2)
45.पारा धातु का निष्कर्षण: –
# पारा का संकेत Hg
# परमाणु संख्या 80
# पारा के प्रमुख अयस्क
सिनेबार (HgS)
46.भर्जन तथा निस्तापन में अंतर लिखें।
भर्जन
(i) इस विधि से अयस्क ऑक्सीकृत हो जाते हैं।
(ii) यह प्रायः सल्फाइड अयस्क के लिए प्रयुक्त होता है।
(iii) इसे वायु की उपस्थिति में गर्म किया जा सकता है।
निस्तापन
(i) इस विधि से अयस्क निर्जलीकरण हो जाते हैं।
(ii) यह प्रायः कार्बोनेट अयस्क के लिए प्रयुक्त होता है।
(iii) इसे सीमित वायु में गर्म किया जा सकता है।