1.माँ मंगु को अस्तपाल में क्यों नहीं भत्ती कराना चाहती?
उत्तर:- मॉँ अस्पताल को गौशाला की उपमा देती थी। उनका मानना था कि जब माँ होकर वह अपनी संतान की सेवा नहीं कर सकती है तो अस्पताल वालों को क्या पड़ी है ? मंगू जन्म से ही पागल एवं गुंगी थी। उसे न तो पेशाब-पाखाना कहाँ करना है और कहाँ न करना है, का ख्याल रहता था और न कपड़े आदि का ही। रात भर माँ उस पर ध्यान रखती थी। पेशाब करने पर वस्त्र बदल देती थी, ओढ़ना हटाने पर पुनः ओढ़ा देतीं थी। अपने हाथों से मंगु के मुँह में भोजन डालती थी। यानी मंगु का काम माँ स्वयं करती थीं
2.बहाद्वर अपते घर से क्यों भाग गया था?
उत्तर:-बहादुर के अपने घर से भागने का मुख्य कारण यह था कि वह वही काम करता था, जो माँ की इच्छा के प्रतिकूल होता था। माँ जिस भैंस को बहुत प्यार करती थी, उस भैंस से उसे सख्त घुणा थी। एक दिन उसने उस भैस को बहत मारा था। मार खाकर भैंस खेत में काम कर रही उसकी माँ के पास पहुँच गई । भैस चरना छोड़कर उसके पास जैसे ही आई, वह समझ गई कि लड़का ने उसे अवश्य मारा है, इसलिए वह क्रोधित हो गई और लड़के की बेरहमी से पिटाई कर दी। माँ की मार से दुःखी होकर उसने घर से भागने का निश्चय कर लिया तथा घी की हंडी में रखे माँ के रुपयों में से दो रुपये निकालकर नौ-दो-ग्यारह हो गया। दिया गया
3.अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।
उत्तर:-बहादुर सामने खड़ा ऑँखों को बुरी तरह मलका रहा था वह बारह-तेरह वर्ष का था। उसका मुँह चपटा, रंग गोरा तथा कद नाटा, था । वह आधे बॉह की कमीज सफेद रंग का पैंट तथा भूरे रंग का जूता पहने हुए था। गले में रूमाल बाँधने के कारण वह स्काउटों जैसा प्रतीत होता था । लेखक के परिवार के लोग उसे ऐसे घेरे हुए थे,जैसे वह कोई अजनबी चीज हो।
4.वाणी कब विष के समान हो जाती है?
उत्तर:-वाणी तब विष के समान हो जाती है जब व्यक्ति राम-नाम की चर्चा या भजन न करके सांसारिकता की चर्चा करता है। तात्पर्य यह कि जब व्यक्ति ईश्वर के नाम की महिमा का गुणगान न करके मति-भ्रमता के कारण पूजा-पाठ, कर्मकाण्ड या बाह्याडंबर में विश्वास करने लगता है।
5.बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसको मानते थे?
उत्तर:-बिरजू महाराज अपनी अम्मा को अपना सबसे बड़ा जज मानते थे।-जब भी वह नाचते थे तो वह उनसे पूछा करते थे कि मेरे नाच में कहीं कोई गलती तो नहीं हो रही है, बाबूजी की भाँति प्रदर्शन हो रहा है या नहीं। तब उनकी माँ का उत्तर यही होता था कि पिताजी के जैसा ही प्रदर्शन हुआ है। इस कला के अन्य बुजुगों से भी जानकारी लेती रहीं कि मेरे बेटे का नाचने ढंग पिता जैसा है न । इसीलिए वह अपनी माँ को अपना जज मानते थे।
6.माँ कहानी के लेखक का क्या नाम है ? वे कहाँ के रहने वाले हैं?
उत्तर:-‘माँ कहानी के लेखक ईश्वर पेटलीकर है। वे गुजरात के रहने वाली हैं।
7.कवि ने माली-मालिन किन्हें और क्यों कहा है?
उत्तर:-कवि ने राधा-कृष्ण को माली -मालिन इसलिए कहा है क्योंकि ये दोनों प्रेम- वाटिका के युगल रूप हैं। इन्हीं दोनों के आपसी. संयोग से कवि का रसिक हृदय प्रेमः- रस से अभिसिक्त होता है, जैसे माली-मालिन के संयोग से ववाटिका शोभा पाती है, वैसे ही प्रेम-स्वरूप राधा एवं प्रेम-रूप कृष्ण के युगल रूप से कवि का प्रेम पुष्ट होता है।