1.साबुन और अपमार्जक में अंतर लिखें।
साबुन
(i) यह जल में कम घुलनशील है।
(ii) इसमें सफाई की क्षमता कम होती है।
(iii) इसका जलीय घोल छारीय होता है ।
(iv) यह प्रदूषण कम फैलाता है।
अपमार्जक
(i) यह जल में अधिक घुलनशील है।
(ii) इसमें सफाई की क्षमता ज्यादा होती है।
(iii) इसका जलीय घोल उदासीन होता है।
(iv) यह प्रदूषण ज्यादा फैलाता है।
2.प्रकाश संश्लेषण क्या है?
प्रकाश–संश्लेषण:- जिस प्रक्रिया के द्वारा पौधे कार्बनिक भोजन का निर्माण करते हैं, उसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।
कार्बनिक भोजन:- पौधे स्वयं निर्माण करते हैं।
अकार्बनिक भोजन:- पौधे जड़ों द्वारा मिट्टी से प्राप्त करते हैं।
# पेड़-पौधों द्वारा कार्बनडाइऑक्साइड जल एवं पर्णहरित के माध्यम से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में गुलकोज का संश्लेषण करना प्रकाश-संश्लेषण कहलाता है।
जैसे:- 6CO2 + 6H2O 🔜 C6H12O6 + 6O2
(6अणु) (6अणु) (1अणु) (6अणु)
3.प्रकाश संश्लेषण के लिए कच्ची सामग्री पौधा कहां से प्राप्त करता है।
(i) सूर्य का प्रकाश:-
(ii) पर्णहरित या क्लोरोफिल:- पतियों से (पति के हरित लवक से)
(iii) कार्बन डाइऑक्साइड:- वायुमंडल से
(iv) जल:- मृदा से
4.श्वसन क्या है?
श्वसन:- वाह जटिल जैविक रासायनिक प्रक्रम जिसमें कार्बनिक पदार्थों के चरण वद्ध ऑक्सीकरण के फलस्वरुप ऊर्जा मुक्त होती है, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल बनते हैं, श्वसन कहलाता है। यह एक अपचायक क्रिया हैं।
C6H12O6 🔜 6CO2 + 6H2O + ऊर्जा (2,830 किलो जूल)
श्वसन को दो भागों में बांटा गया है।
(i) ऑक्सी श्वसन:- श्वसन की वे अभिक्रियाए है जिनके लिए ऑक्सीजन आवश्यक होती है, ऑक्सी श्वसन कहलाती है। इसमें 38 A•T•P प्राप्त होता है।
(ii) अनाॅक्सी श्वसन:- श्वसन की वे अभिक्रियाए है जिनके लिए ऑक्सीजन आवश्यक नहीं होती है, अनाॅक्सी श्वसन कहलाती है। इसमें 8 A•T•P बनाता है।
Note:-
🔥हीरा सबसे कठोर तत्व है।
🔥कार्बन का दूसरा अपलोड ग्रेफाइट होता है।
🔥ग्रेफाइट मुलायम, चिकना तथा विद्युत का सुचालक होता है।
🔥अधातु विद्युत का सुचालक होता है।
उपधातु:- B,Si,Ge,As,Se,Sb,Te,Po,At.
5.भौतिक गुणों के आधार पर धातु और अधातु में अंतर लिखें।
धातु
(i) धातुएं चमकदार होती है।
(ii) धातुएं ठोस होती है।
(iii) धातुएं अधातवर्ध्य और तन्य होती है।
(iv) धातुएं उष्मा एवं विद्युत का सुचालक होती है।
अधातु
(i) अधातुएं चमकदार नहीं होती है। अपवाद -आयोडीन, ग्रेफाइट
(ii) अधातुएं ठोस और गैस होती है।
(iii) अधातुएं अधातवर्ध्य और तन्य नहीं होती है।
(iv) अधातुएं उष्मा एवं विद्युत का कुचालक होती है।
6.खनिज और अयस्क में अंतर लिखें।
खनिज
(i) इसे आसानी से प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
(ii) यह ज्यादा खर्च में प्राप्त होता है।
(iii) इसमें अशुद्धियां होती है।
(iv) सभी खनिज अयस्क नहीं होती है।
अयस्क
(i) इसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
(ii) यह कम खर्च में प्राप्त होता है।
(iii) इसमें अशुद्धियां नहीं होती है।
(iv) सभी अयस्क खनिज होती है।
7.रासायनिक गुण के आधार पर धातु और अधातु में अंतर लिखें।
धातु
धातुएं विद्युत धनात्मक होती है। जैसे:- Na,Ca
धातुएं ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर क्षारीय ऑक्साइड बनाती है।
धातुएं जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस बनाती है।
धातुएं अम्ल से अभिक्रिया कर h2 गैस बनाती है।
अधातु
अधातुएं विद्युत ऋणात्मक होती है। जैसे:- Na,Ca
अधातुएं ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर अम्लीय ऑक्साइड बनाती है।
अधातुएं जल के साथ अभिक्रिया नही करती है।
अधातुएं अम्ल से अभिक्रिया कर h2 गैस नहीं बनाती है।
8.चुंबकीय फ्लक्स क्या है?
चुंबकीय फ्लक्स:- समतल सतह पर चुंबकीय क्षेत्र के समतल सतह अभिलंब घटक तथा सतह के क्षेत्रफल के गुणनफल के सतह को चुंबकीय फ्लक्स कहते हैं। इसका S•I मात्रक `वेबर` होता है। इसे फाई द्वारा सूचित किया जाता है।
9.विद्युत जनित्र या डायनेमो क्या है?
विद्युत जनित्र:- विद्युत जनित्र या डायनेमो एक ऐसी युक्ती होती है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है🔥 डायनेमो से दिष्ट धारा (D•C) की प्राप्ति होती है।
10.लेंज का नियम क्या है?
लेंज का नियम:- जब कभी चुंबकीय प्रेरण से किसी विद्युत परिपथ में धारा उत्पन्न होती है तो उसकी दिशा ऐसी होती है कि वह उस कारण का ही विरोध करती है जिससे वह उत्पन्न होती है, लेंज का नियम कहलाता है।
11.दिष्ट धारा (D•C) :- वैसी विधुत धारा जिनके परिणाम या तो अचर होते हैं या परिवर्ति होते हैं, लेकिन चालक में प्रवाहित होने की दिशा एक समान रहती है, दिष्ट धारा कहलाती है।
🔥 दिष्ट धारा की आवृत्ति शून्य होती है।
12.प्रत्यावर्ती धारा (A•C) :- वैसी विधुत धारा जिसकी दिशा खास समय अंतराल में बदलती रहती है, प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है।
🔥 भारत में घरेलू उपयोग के लिए प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50 हर्टज (Hz) होती है।
🔥A•C एक सेकेंड में 50 चक्कर पूरी करती है। इस प्रकार प्रति 1/100 sec के बाद A•C अपनी दिशा बदलती हैं।
🔥 उपयोग के लिए विद्युत 220V पर उपलब्ध रहती है।
🔥 220V वाले तार को जीवित तार तथा पृथ्वी के संपर्क में रहने वाले तार को उदासीन तार कहते हैं।
🔥 विद्युत तीव्रता का S•I मात्रक वोल्ट प्रति मीटर (V/M) होता है।
13.A•C तथा D•C में अन्तर लिखें।
A•C
(i) इसमें धारा का मान तथा दिशा समय के साथ बदलता है।
(ii) इसे आसानी से उत्पन्न किया जा सकता है।
(iii) यह आसानी से D•C में बदल जाता है।
(iv) यह D•C की अपेक्षा अधिक घातक होता है।
(v) यह चालक के सतह पर प्रभावित होता है।
D•C
(i) इसमें केवल धारा का मान बदलता है।
(ii) इसे आसानी से उत्पन्न नहीं किया जा सकता है।
(iii) यह आसानी से A•C में नहीं बदलता जाता है।
(iv) यह A•C की अपेक्षा कम घातक होता है।
(v) यह चालक के अन्दर प्रभावित होता है।
14.स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी क्या है?
उत्तर:- वह न्यूनतम दूरी जहाँ रखी वस्तु को सामान्य आंख द्वारा आसानी से देखा जा सकता है, स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है।
🔥 स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25cm होती है।
15.दृष्टि दोष क्या है? यह कितने प्रकार के होते हैं?
दृष्टि दोष:- जब किसी वस्तु का प्रतिबिंब आँख की रेटिना पर स्पष्ट रूप से नहीं बनती है तो इस दोष को दृष्टि दोष कहते है।दृष्टि दोष चार प्रकार के होते हैं।
(i) निकट दृष्टि दोष
(ii) दीर्घ दृष्टि दोष
(iii) जरा दृष्टि दोष
(iv) अबिंदुकता
🔥 निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया जाता हैं।
🔥 दीर्घ दृष्टि दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है।
🔥 जरा दृष्टि दोष को दूर करने के लिए बाईफोकल लेंस का उपयोग किया जाता है।
🔥 अबिंदुकता को दूर करने के लिए बेलनाकार लेंस का उपयोग किया जाता है।
16.प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं?
प्रकाश का वर्ण विक्षेपण:- जब श्वेत प्रकाश या सूर्य का प्रकाश एक फ्रिज में से होकर गुजरता है तो वह अपने विभिन्न अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है। अपने विभिन्न अवयवी रंगों में विभक्त होने की घटना को प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं।
🔥 एक साधारण प्रिज्ममें में 5 सप्ताह होते हैं।
17.वर्णपट्ट या स्पेक्ट्रम:- प्रकाश के वर्ण विक्षेपण के दौरान पर्दा पर सात रंगों की एक रंगीन पट्टी का निर्माण होता है। इसी रंगीन पट्टी को स्पेक्ट्रम कहते हैं।
18.विशिष्ट चालकता:- विशिष्ट प्रतिरोध के प्रतिलोम या विलोम को विशिष्ट चालकता कहते हैं। S•I मात्रक ओम प्रति मीटर होता है।
19.ओम का नियम क्या है?
ओम का नियम:- ओम के नियम के अनुसार, अचर ताप पर किसी चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा चालक के सिरों के बीच के विभवांतर का सीधा सामानुपाती होता है।
यदि चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा (I) तथा चालक के सिरों के बीच का विभवांतर (V) हो तो,
ओम के नियमानुसार,
V = IR, जहाँ R एक नियतांक है।
20.विद्युत शक्ति क्या है?
विद्युत शक्ति:- एक सेकेंड में किसी विद्युतीय उपकरण द्वारा उपभोक्त विद्युत ऊर्जा को उस उपकरण की विद्युत शक्ति कहते हैं। इसे `P` द्वारा सूचित किया जाता है। इसका S•I मात्रक वाट (watt) होता है।
P = w/t = I²R = VI = V²/R
1 H•P = 746 watt
1MW = 10⁶watt
H•P = Hourse Power
1 वाट = 1 जूल/1सेकेंड
🔥 विद्युत शक्ति का व्यवहारिक मात्रक अश्व शक्ति होता है।
21.विद्युत ऊर्जा:- विद्युतीय कार्य की मात्रा को विद्युत ऊर्जा कहते हैं। इसे `W` द्वारा सूचित किया जाता है। इसका S•I मात्रक जूल होता है।
1 जूल = 1 कुलम्ब × 1 वोल्ट
W = VQ
🔥 विद्युत ऊर्जा का व्यवसायिक मात्रक किलो वाट घंटा (KWh) होता है।
🔥1kwh = 3.6×10⁶J
22.नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत: – वैसे ऊर्जा स्त्रोत जिसे समाप्त नहीं किया जा सकता है और उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग में लाया जा सकता है, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहलाता है।
जैसे:- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जल, विद्युत ऊर्जा इत्यादि।
23.अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत:- वैसे ऊर्जा स्रोत जो समाप्त हो अर्थात एक बार उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग में नहीं लाया जा सकता है, अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहलाता है।
जैसे:- कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस इत्यादि।
🔥 पवन चक्की, पवन ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा या विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।
🔥 पवनों का देश `डेनमार्क` को कहा जाता है।
🔥 जीवाश्म ईंधन ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है।
🔥 सौर सेल, सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।
🔥 विद्युत संयंत्र जल की गतिकी ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
🔥 बायोगैस का मुख्य अवयव मिथेन होता है।
🔥 सौर ऊर्जा, ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
24.नाभिकीय संलयन: – ऐसी नाभिकीय अभिक्रिया जिसके फलस्वरुप दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी तथा एक स्थाई नाभिक का निर्माण करते हैं, नाभिकीय संलयन कहलाती आती है।
25.नाभिकीय विखंडन: – वैसी नाभिकीय अभिक्रिया जिसके फलस्वरूप एक भारी एवं अस्थाई नाभिक विखंडित होकर दो हल्के एवं अस्थाई नाभिक में परिवर्तित हो जाता है तथा ऊर्जा की एक विशाल राशि मुक्त होती है, नाभिकीय विखंडन कहलाती है।
26.रेलवे के सिग्नल के रूप में लाल रंग का उपयोग किया जाता है क्यों?
उत्तर:- चूॅंकि हमलोग जानते हैं कि प्रकाश के लाल रंग का तरंगधैर्य अधिक होता है और लाल रंग का तरंगधैर्य अधिक होने के कारण इसका प्रकीर्णन कम होता है। जिसके कारण हमें दूर की वस्तुएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
27.विद्युत आवेश क्या है?
विद्युत आवेश:- विद्युत आवेश प्रत्येक वस्तु का आंतरिक गुण होता है जो विद्युत बल्ब आरोपित करता है। इसका S•I मात्रक कूलंब (Q) होता है।
अर्थात्। Q= I•t
28.विद्युत धारा क्या है?
विद्युत धारा:- आदेश की प्रवाह के दर को विद्युत धारा करते हैं। इसका S•I मात्रक एंपियर होता है। इसे I द्वारा सूचित किया जाता है। यह एक अदिश राशि है। इसे एमिटर से मापा जाता है।
I = Q/t