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Bihar Board 10th science Answer Key 2023: [ Set A To J ] का Answer Key 10th Science 2023, Answer Key यहां से देखें

1.प्रकाश क्या है?

प्रकाश:- प्रकाश वह वाह्य भौतिक कारण है जिसमें हमें किसी वस्तु को देखने की अनुभूति होती हैं। प्रकाश ऊर्जा का एक ही रूप है जो हमेशा सीधी रेखा में गमन करती हैं। निर्वात में प्रकाश की चाल 3×10⁸ m/s होती है। यह निर्वात से होकर गुजरती हैं। निर्वात में प्रकाश की चाल होती हैं। प्रकाश एक विद्युत चुंबकीय तरंग भी हैं।

2.प्रकाश का परावर्तन क्या है? इनके कितने नियम होते हैं?

प्रकाश का परावर्तन:- प्रकाश के किरणों का पहले माध्यम में लौटने की क्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

  • प्रकाश के परावर्तन के दो नियम होते हैं।

पहला नियम:- आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलंब एक ही तल में होता है।

दूसरा नियम:- आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता हैं।

अर्थात्

             i = r

 

3.नेत्रलेंस की समंजन क्षमता से आप क्या समझते हैं?

समंजन क्षमता:- आंखों की ऐसी क्षमता जिससे नेत्र-लेंस की फोकस दूरी अपने आप बदलती रहती है, समंजन क्षमता कहलाती हैं।

  • सामान्य के लिए नेत्रलेंस की समंजन क्षमता 4D होता हैं।

 

4.प्रकाश का अपवर्तन क्या है? इसके कितने नियम होते हैं?

प्रकाश का अपवर्तन:- जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करते हैं तो, उनके दिशा में परिवर्तन होता है। इसी परिवर्तन को प्रकाश का अपवर्तन कहते है।

  • प्रकाश अपवर्तन के दो नियम होते हैं।

पहला नियम:- आपति किरण, अपवर्तन किरण तथा आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलम्ब एक ही तल में होता है।

दूसरा नियम:- प्रकाश के किसी विशेष रंग के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की जया का अनुपात किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक नियतांक होता है।

     अर्थात्  म्यू (v) = Sini/Sir, जहाँ v एक नियतांक हैं।

5.स्नेल का नियम क्या है?

स्नेल का नियम:- प्रकाश के किसी विशेष रंग के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की जया का अनुपात किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक नियतांक होता है।

     अर्थात्  म्यू (v) = Sini/Sir, जहाँ v एक नियतांक हैं।

 

6.हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्य दृश्य के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?

उत्तल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब सीधा और छोटा होता है। इससे ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख लेता है और गाड़ी स्पष्ट रूप से चला लेता है। इनका दृष्टि क्षेत्र बहुत अधिक होता है। इसलिए हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्य दृश्य के रूप में वरीयता देते हैं।

7.आवर्धन क्या है?

आवर्धन:- प्रतिबिंब की ऊंचाई और वस्तु की ऊंचाई के अनुपात को आवर्धन कहते हैं। इसे `m` के द्वारा सूचित किया जाता हैं।  अर्थात् (m) = प्रतिबिंब की ऊंचाई/वस्तु की ऊंचाई

8.अपवर्तनांक क्या है?

अपवर्तनांक:- किन्हीं दो माध्यमों के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की जया का अनुपात किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक नियतांक होता है।

     अर्थात्  म्यू (v) = Sini/Sir

  • चूॅंकि अपवर्तनांक एक शुद्ध संख्या हैं। इसलिए इसका कोई मात्रक नहीं होता है।

 

9.अवतल दर्पण का उपयोग:-

(i) दाढ़ी या हजामत बनाने में अवतल दर्पण का उपयोग होता है।

(ii) सोलर कुकर में अवतल दर्पण का उपयोग होता हैं।

(iii) रोगियों के कान, नाक, गले इत्यादि के जांच के लिए भी अवतल दर्पण का उपयोग होता हैं।

(iv) सर्चलाइट में भी अवतल दर्पण का उपयोग होता हैं।

 

10.उत्तल दर्पण का उपयोग:-

(i) `साइड मिरर` के रूप में उत्तल दर्पण का उपयोग होता है।

(ii) सड़क या गाली में स्ट्रीट लाइट में परावर्तक के रूप में उत्तल दर्पण का उपयोग होता है।

 

11.वास्तविक प्रतिबिंब और काल्पनिक प्रतिबिंब में अंतर लिखें।

 

वास्तविक प्रतिबिंब

(i) याद दर्पण के सामने बनता है।

(ii) इसे पर्दा पर उतारा जा सकता है।

(iii) यह उल्टा बनता है।

(iv) यह वास्तविक कटान से बनता है।

 

काल्पनिक प्रतिबिंब

(i) याद दर्पण के पीछे बनता है।

(ii) इसे पर्दा पर नहीं उतारा जा सकता है।

(iii) यह सीधा बनता है।

(iv) यह काल्पनिक कटान से बनता है।

 

12.इंद्रधनुष क्या है? यह कितने प्रकार के होते हैं।

इंद्रधनुष:- इंद्रधनुष का बनना प्रकाश के परिक्षेपण क्रिया का परिणाम है। इंद्रधनुष एक प्रकृति का स्पेक्ट्रम है। इंद्रधनुष का निर्माण प्रकाश के अपवर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन तथा विक्षेपण से होता है। इंद्रधनुष्य सदैव सूर्य के विपरीत दिशा में वृत्त की चाप के रूप में दिखता है। इंद्रधनुष सात रंगों के मेल से बना होता है।

इंद्रधनुष दो प्रकार के होते हैं।

(i) प्राथमिक इंद्रधनुष

(ii) द्वितीय इंद्रधनुष।

 

13.तारे क्यों टिमटिमाते हैं?

तारों का टिमटिमाना:- वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते नजर आते हैं, क्योंकि तारों से आने वाली प्रकाश की तीव्रता बदलती रहती है। इसलिए हमारी आंखों में पहुंचने वाली प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन होता है। इसी परिवर्तन को तारों का टिमटिमाना कहते हैं।

 

14.प्रकाश का प्रकीर्णन से आप क्या समझते हैं?

प्रकाश का प्रकीर्णन:- जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वायुमंडल में उपस्थित गैस के अणु एवं परमाणु इसे अवशोषित कर लेता है। इसी प्रक्रिया को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते है।

प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही हमें आश्चर्य घटनाएं देखने को मिलती है।

प्रकाश के प्रकीर्णन किरण के कारण ही सूर्य लाल दिखाई देता है।

 

15.टिंडल प्रभाव:- कोलाइडी कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन की घटना प्रदर्शित करने वाला प्रभाव टिंडल प्रभाव कहलाता हैं।

 

16.अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है। क्यों?

चूॅंकि अंतरिक्ष में कोई कण उपस्थित नहीं होते हैं। अर्थात वहाँ कोई वायुमंडल नहीं है। इसलिए वहाँ प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता हैं। प्रकीर्णन नहीं होने के कारण ही आकाश काला दिखाई देता है।

 

17.स्वच्छ आकाश का रंग नीला होता है, क्यों?

चूॅंकि हम जानते हैं कि नीले रंग का तरंगदैर्ध्य कम होता है, इसलिए इसका प्रकीर्णन अधिक होता है। नीले रंग के प्रकीर्णन अधिक होने के कारण ही आकाश का रंग नीला होता है।

 

18.खतरे के संकेत के रूप में लाल रंग का प्रयोग किया जाता है क्यों?

चूॅंकि हम जानते हैं कि लाल रंग का तरंगदैर्ध्य अधिक होता है, इसलिए इसका प्रकीर्णन कम होता है। लाल रंग के प्रकीर्णन कम होने के कारण ही खतरे का संकेत के रूप में लाल रंग का प्रयोग किया जाता है।

 

19.सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है। क्यों?

चूॅंकि हम जानते हैं कि किस रंग का तरंगदैर्ध्य अधिक होता है, उसका प्रकीर्णन कम होता है। लाल रंग का तरंगदैर्ध्य अधिक होता है, इसलिए इसका प्रकीर्णन कम होता है। लाल रंग का प्रकीर्णन कम होने के कारण ही सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है।

20.रासायनिक अभिक्रिया क्या है?

रासायनिक अभिक्रिया:- जब कोई पदार्थ अकेले अथवा किसी दूसरे पदार्थ के साथ क्रिया करके एक या एक से अधिक भिन्न गुणधर्म वाले नए पदार्थों का निर्माण करते हैं, रासायनिक अभिक्रिया कहलाते हैं।

21.रासायनिक समीकरण क्या है?

रासायनिक समीकरण:- जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक एवं उत्पाद की जगह उनके रासायनिक सूत्रों का उपयोग करते हैं, रसायनिक समीकरण कहलाते हैं।

       जैसे:- 2mg+O2 🔜2mgo

22.संयोजन अभिक्रिया क्या है?

संयोजन अभिक्रिया:- जब दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके एक नए पदार्थ का निर्माण करते हैं, तब उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।

       जैसे:- C(s)+O2(g)🔜CO2(g)

23.ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं?

ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया:- वैसीर अभिक्रिया जिसमे उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ उस्मा भी उत्पन्न होती है, उसमें छिपी रासायनिक अभिक्रिया का लाते हैं।

 जैसे:- C6H12O6(aq)+6O2(aq)🔜 6CO2(aq)+H2O(l)

24.वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया क्या है?

वियोजन अभिक्रिया:- जब एक पदार्थ टूट कर दो या दो से अधिक नए पदार्थों का निर्माण करते हैं उसे वियोजन अभिक्रिया कहते हैं।

        जैसे:CO2(g)+🔜CaO (s)+CO2(g)

25.उष्मशोषी रासायनिक अभिक्रिया क्या है?

उष्मशोषी रासायनिक अभिक्रिया:- वैसे अभिक्रिया जिसमे ऊष्मा का अवशोषण होता है उसे उस उष्मशोषी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं।

  जैसे:- Ba(OH)2•8H2O(s)+2N4cl(s)🔜Bacl2(aq)+2NH3(aq)

26.विस्थापन (एकल विस्थापन) अभिक्रिया क्या है?

विस्थापन अभिक्रिया:- जब कोई तत्व, दूसरे तत्व को उनके योगिक के बिलियन से विस्थापित कर उसका स्थान खुद ले लेता है, उसे विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।

जैसे:-Zn(s)+Cuso4(aq)🔜Znso4(s)+Cu(s)

27.द्विविस्थापन (उभय विस्थापन) अभिक्रिया किसे कहते हैं?

द्विविस्थापन अभिक्रिया :- जब दो योगिक अपने आयनों  (मुलकों) की अदला-बदली करके दो नए यौगिकों का निर्माण करता है, उसे द्वि-विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।

  जैसी:-Na2So4(aq)+Bacl2(aq)🔜BaSo4(s)+2Nacl(aq)

28.अवक्षेपण अभिक्रिया क्या है?

अवक्षेपण अभिक्रिया :- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे किसी अवक्षेप का निर्माण होता है, उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।

 जैसे:- AgNO3(aq)+Nacl(aq)🔜Agcl(s)+NaNO3(aq)

29.उपचयन या ऑक्सीकरण क्या है?

उपचयन:- जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि (योग) होती है या हाइड्रोजन का ह्रास (कमी) होती है, उसे उपचयन कहते हैं।  

जैसे:- C+O2🔜CO2 (C का उपचयन)

30.अपचयन या अवकरण अभिक्रिया क्या है?

अपचयन:- जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि (योग) होती है या ऑक्सीजन का ह्रास (कमी) होती है, अपचयन कहलाता है।

जैसे:- H2+Cl2🔜2HCl (Cl2 का अपचयन)

Note:- अवकारक:-C,Na,mg,H2S,HCl etc.

ऑक्सीकरक:- Cl2,I2,Cuo,mgo,Zno,mno2 etc.

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