1.खनिज और अयस्क को परिभाषित करें?
ans- खनिज और अयस्क का परिभाषा निम्नलिखित है,
खनिज :- भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्व या यौगिक ओ को खनिज कहते हैं
अयस्क :- वे खनिज जिनसे धातुए आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त किए जाते हैं, उसे अयस्क कहते हैं,
2.हरे पेड़ पौधों को उत्पाद क्यों कहते हैं?
ans-हरे पेड़ पौधे में कार्बन डाइऑक्साइड,जल, क्लोरोफिल, तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति मैं अपना भोजन तथा दूसरे जीवो के लिए भोज्य पदार्थ का निर्माण करता है, इसलिए हरे पौधे को उत्पादक कहा जाता है
3. लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर लिखें?
लैंगिक जनन
1.इसमें दो जनक भाग लेते हैं,
2.इसमें केवल अर्धसूत्री विभाजन होता है,
3.इसमें युगमनग्ज से नए जीव का विकास होता है,
4.केवल बीज वाले पौधे में ही लैंगिक जनन होता है,
अलैंगिक जनन
1.इसमें केवल एक ही जनक भाग लेते हैं,
2.इसमें समसूत्री तथा असूत्री विभाजन होते हैं,
3.इस समय पैत्रक कोशिकाओं नए जीव का विकास होता है,
4.बिना बीज वाले पौधे जैसे गुलाब, केला, अंगूर वाले पौधे में अलैंगिक जनन होते हैं,
4.विद्युत जनित्र के सिद्धांत को लिखे?
ans-विद्युत जनित्र विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है, विद्युत जनित्र द्वारा विद्युत उत्पन्न करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र में चालक का घूर्णन के लिए यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग किया जाता है
5.अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अंतर लिखें?
ans-अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अंतर निम्नलिखित है
अवतल दर्पण
1.इसका परावर्तक सतह धसा रहता है,
2.अवतल दर्पण का फोकस वास्तविक होता है,
3.यह वास्तविक तथा काल्पनिक दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनाते हैं
4.इसे अपसारी दर्पण भी कहते हैं,
5.यह ऋण आत्मक होते हैं,
उत्तल दर्पण
1.इसका परावर्तक सतह उभरा हुआ होता है,
2.उत्तल दर्पण का फोकस काल्पनिक होता है,
3.यह केवल काल्पनिक प्रतिबिंब का निर्माण करता है,
4.इसे अभिसारी दर्पण भी कहते हैं
5.यह धनात्मक होता है,
6.विषमपोषी पोषण क्या है, यह कितने प्रकार के होते हैं?
ans-विषमपोषी पोषण वह प्रक्रिया है जिसमें जीव अपना भोजन
स्वयं संश्लेषित न करके किसी अन्य स्रोतों पर निर्भर रहते हैं, उसे विषमपोषी पोषण कहते हैं
7.ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्या है उदाहरण दें?
ans- वे रसायनिक अभिक्रिया जिनके घटित होने के फलस्वरुप ऊष्मा ऊर्जा का उत्सर्जन होता है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है,
8.दीर्घ हष्टि दोष क्या है, इसे दूर करने के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग करते हैं?
ans-नेत्र गोलक छोटा होने के कारण आंख का लेंस नजदीकी
वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनाता है इसलिए आंख
नजदीक की वस्तुओं को नहीं देख पाता है और दूर की वस्तु को
साफ-साफ देख पाता है इसलिए इसे दीर्घ टृष्टि दोष या दूर हष्टि दोष कहते हैं
इसे दष्टि दोष को दूर करने के लिए डॉक्टर चश्मे के रूप में उत्तल लेंस का उपयोग करते हैं,
9.विद्युत आवेश क्या है, यह कितने प्रकार के होते हैं?
ans-किसी पदार्थ का वह गुण जिसके कारण उसमें विद्युत तथा
चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होता है, उसे विद्युत आवेश कहते हैं
विद्युत आवेश का Si मात्रक कुलाम होता है