1.नाभिकीय संलयन किसे कहते हैं
Ans- ऐसे नाभिकीय अभिक्रिया जिसके फलस्वरूप दो छोटे-छोटे नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी तथा एक स्थाई नाभिक का निर्माण करते हैं, उसे ना भी क्या संलयन कहते हैं
2.प्रकाश संश्लेषण क्या है इसके रासायनिक समीकरण में व्यक्त करें?
Ans-हरे पेड़ पौधा कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा क्लोरोफिल के द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में गलूकोज का निर्माण करती है इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं
3.मेंडलीफ ने अपने आवर्त सारणी को तैयार करने के लिए कौन-कौन सी मापदंड अपनाया था?
Ans-मेंडलीफ ने अपने आवर्त सारणी को तैयार करने के लिए निम्नलिखित मापदंड को अपनाए थे
1.तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते हुए क्रम में सजाया
2.सामान गुणधर्म वाले तत्व को एक समूह में रखने का प्रयास किया
3.तत्वों को हाइड्राइडो एवं ऑक्साइडो के अनुसूत्र को मूलभूत गुणधर्म मानकर तत्वों का वर्गीकरण किया
4.आयोडीन की कमी से कौन सी बीमारी होती है तथा कैसे?
Ans- आयोडीन की कमी के कारण घेंघा नामक रोग होता है,आयोडीन की कमी के कारण थायरोक्सिन नामक हार्मोन उचित मात्रा में स्रावित नहीं हो पाता है, जिससे थायराइड ग्रंथि का आकार काफी बढ़ जाता है, जिसके फलस्वरूप गले में सूजन हो जाता है शरीर के ऐसी स्थिति को घेंघा नामक रोग से जाना जाता है
5.मेंडलीव के आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर लिखें?
Ans-मेंडलीफ के आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी में निम्नलिखित अंतर है,
मेंडलीव के आवर्त सारणी
1.यह तत्व के परमाणु द्रव्यमान पर आधारित है,
2.इसमें अक्रीय गैस का कोई स्थान नहीं है,
3.इस समय कई दोष है,
4.यह आवर्त सारणी का छोटा रूप है,
5.इस समय उप समूह तथा एक ही वर्ग के अंतर्गत हैं,
आधुनिक आवर्त सारणी
1.यह तत्व के परमाणु संख्या पर आधारित है
2.इसमें अक्रीय गैस को 18 वे समूह में रखा गया है,
3.इसमें मेंडलीफ के आवर्त सारणी के लगभग सभी दोष दूर हो गए हैं
4.यह आवर्त सारणी का बड़ा रूप है,
5.इस समय उपर समूह तथा को अलग-अलग समूह में रखा गया है,
6.विद्युत मोटर के सिद्धांत को बताएं?
Ans-जब धारावाहि कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो वह कुंडली एक बल आघूर्ण का अनुभव करती है, इसके परिणाम स्वरूप कुंडली घूर्णन करती है, इसे ही विद्युत मोटर का सिद्धांत कहते है
7.नाभिकीय रिएक्टर से आप क्या समझते हैं,
Ans- वह संयंत्र जिसमें नाभिकिय ऊर्जा को उस्मा ऊर्जा में परिवर्तित करके विद्युत उर्जा प्राप्त किया जाता है, परमाणु
रिएक्टर या नाभिकिय रिएक्टर कहलाता है