1.बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा क्यों होता है ?
उत्तर:-बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा इसलिए होता है क्योंकि इसके रहते दिन मजे से कटते थे। बहादुर परिश्रमी, नेक तथा स्वामीभक्त नौकर था । ऐसा नौकर किसी को भाग्य से ही मिलता है। साथ ही, उसने न तो अपना वेतन माॉँगा और न ही अपना कोई सामान ले गया। उसके स्वाभिमान तथा त्याग के कारण सबको पछतावा होता है। उसके इसी त्याग के कारण लेखक को कहना पड़ता है कि ‘अगर वह कुछ चुराकर गया होता तो संतोष हो जाता है
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2.मनुष्य बार-बार नाखूनों को क्यों काटता है?
उत्तर:-नाखून मनुष्य की पाशवी-वृत्ति का प्रतीक है। मनुष्य इसे बार-बार काटकर अपनी पशुता को मिटाना चाहता है। वह चाहता है कि उसके पास बर्बर युग का कोई अवशेष न रह जाए । इसी उद्देश्य से मनुष्य बार-बार नाखूनों को काटता है
3.हरिरस से कवि का अभिप्राय क्या है?
उत्तर:-हरिरस से कवि का अभिप्राय राम-नाम के जप से है। कवि के कहने का तात्पर्य है कि जिसने नामरूपी रस का मधुर स्वाद चख लिया है उसके लिए यह संसार असत्य एवं असहज हो जाता है, अर्थात् जो प्रेम या भक्ति रूपी रस में सराबोर हो जात है, उसका हृदय दिव्य-प्रकाश से आलोकित हो उठता है। अतः हरिरस से तात्पर्य प्रेमरस अथवा नाम-रस से है।
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4.जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते हैं ?
उत्तर:- जातिवाद के पोषकों का कहना है कि कर्म के अनुसार जाति का विभाजन हुआ था। इस विभाजन से लोगों में वंशगत व्यवसाय में . निपुणता आती है अर्थात् कार्यकुशलता में वृद्ध होती है। आधुनिक सभ्य समाज कार्य-कुृशलता के लिए श्रम विभाजन को आवृश्यक मानते हैं, जबकि जाति-प्रथा भी श्रमविभाजन का ही एक रूप है।
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5.संतू क्यों उदास हो गया ?
उत्तर :-संतू की उदासी का कारण मछली का कटना था । जब उसे लेखक से पता चला कि मछली की तैयारी के लिए मसाला पीसा जा रहा है तो संतू उदास हो गया, क्योंकि कटने के बाद मछली से खेलना संभव नहीं होगा । अपनी अभिलाषा पूरी न होने के कारण उसका दिल बैठ गया