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What is Ohm’s law? Verify the Ohm’s law

Q. What is Ohm’s law? Verify the Ohm’s law
Ohm’s law: – Ohm’s law states that the current flowing through a conductor at a constant temperature is directly proportional to the potential difference across the conductor.

                                      If the current flowing through a conductor (I) and the potential difference (V) across the conductor, then

When current is passed through the battery by pressing the pressure key, then the value of current (I) is determined by ammeter and the value of potential difference (V) is determined by voltmeter. In different situations, the value of current (I) from ammeter and the value of potential difference (V) from voltmeter are determined. Looking at the obtained value, it is known that on doubling the value of potential difference, the value of current also doubles, while on paying the value of potential difference, the value of current also becomes half. It is clear from this that the potential difference between the lions of the conductor is directly proportional to the current flowing through that conductor.

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Now a graph is drawn by placing the potential difference (V) on the X-axis and the current (I) on the Y-axis, then it is obtained as a straight line which proves their law.

प्रश्न. ओम का नियम क्या है? सत्यापन करें।
ओम का नियम:- ओम का नियम कहता है कि अचर ताप पर किसी चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा चालक के सिरों के बीच के विभवांतर का सीधा समानुपाती होता है।
यदि किसी चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा (I) तथा चालक के सिरों के बीच का विभवांतर (V) हो तो,

 

जब दाब कुंजी दबाकर बैटरी से धारा प्रवाहित की जाती है तो आ मीटर से धारा का मान(I) तथा वोल्टमीटर से विभवांतर का मान(V) ज्ञात किया जाता है। अलग-अलग स्थितियों में आमीटर से धारा का मान(I) तथा वोल्टमीटर से विभवांतर का मान(V) ज्ञात कर लिया जाता है। प्राप्त मान को देखने से पता चलता है कि विभवांतर का मान दोगुना होने पर धारा का मान भी दुगुना हो जाता है, जबकि विभवांतर का मान अदा करने पर धारा का मान भी आधा हो जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि चालक के शेरों के बीच का विभांतर उस चालक से प्रवाहित होने वाली धारा का सीधा समानुपाती होता है।

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अब विभवांतर (V) को X-अक्ष पर तथा धारा (I) को Y-अक्ष पर रखकर एक ग्राफ खींचा जाता है तो एक सरल रेखा के रूप में प्राप्त होती है जो उनके नियम को साबित करती है।

 

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