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Hindi Class 10th Subjective Question Answer Bihar Board 2023 || Bihar Board Hindi Class 10th Ka Subjective Question Answer 2023

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प्रश्न 1. सीता अपने ही घर में घुटन क्यों महसूस करती है?

उत्तर:- सीता अपने ही घर में घुटन इसलिए महसूस करती है, क्योंकि परिवार का माहौल ठीक नहीं है। घर में सभी है, बेटे-बहूएँ, पोते-पोतियों, लेकिन किसी में तालमेल नहीं है। परिवार की ऐसी स्थिति देखकर सीता का मन भर जाता है। वह अपनी आँखें पोंछकर आकाश की ओर देखने लगती है। उसे लगता था कि जैसे पृथ्वी और आकाश के बीच घुटन भरी हुई है। वैसा ही उसके हृदय में भी घुटन भरी हुई है। सीता को खाने को तो दो वक्त की रोटी मिल जाती है, लेकिन माँ के प्रति बेटे का जो उत्तरदायित्व होता है वह नहीं मिल पाता है। घर में कोई भी माँ का हाल चाल नहीं पूछते हैं। घर के सभी सदस्य माँ को बोझ जैसा समझते हैं। यही कारण है कि सीता अपने ही घर में घुटन महसूस करती है।

 

प्रश्न 2. ‘वाणी’ कब विष के समान हो जाती है?

उत्तर:- गुरु नानक का कहना है कि मनुष्य इस जीवन में अपना अस्तित्व प्राप्त करता है। मनुष्य को सदैव राम-नाम का जप करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य का अस्तित्व राम की कृपा से ही हुई है। यदि वह राम नाम का जप नहीं करता है, तो निश्चित ही ‘वाणी’ विष के समान हो जाती है।

 

प्रश्न 3. लेखक ने नया सिकंदर किसे कहा है और क्यों?

उत्तर:- जो व्यक्ति भारत के साहित्यिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक एवं राजनैतिक गौरवपूर्ण इतिहास से अनजान है। उसे ही नया सिकंदर कहा गया है।

 

प्रश्न 4. परंपरा का ज्ञान किन के लिए आवश्यक है और क्यों?

उत्तर:- जो लोग इस युग में परिवर्तन चाहते हैं और रुढ़िया तोड़कर क्रांतिकारी साहित्य की रचना करना चाहते हैं। अक्सर उनके लिए ही परंपरा का ज्ञान आवश्यक है।

 

प्रश्न 5. खोखा किन मामलों में अपवाद था?

उत्तर:- सेन साहब की पाँच पुत्रियाँ थी। सेन साहब का एक पुत्र भी था, जिसका नाम खोखा था। खोखा का तब जन्म हुआ जब उसके माता-पिता बुढ़ापे के अंतिम पड़ाव पर पहुँच चुके थे। इसलिए खोखा जीवन के नियमों के साथ साथ घर के नियमों में भी अपवाद था।

 

प्रश्न 6. काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण क्या था? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है?

 उत्तर:- काजू और मदन के बीच झगड़े का मुख्य कारण अमीरी और गरीबी का भेदभाव था। काशू सेन साहब का बेटा था और मदन एक किरानी वाला का बेटा था। काशू के झगड़े का मुख्य कारण लड्डू खेलने को लेकर था। काशू के झगड़े के कारण ही मदन अपने पिता द्वारा मार खाता है। इसलिए मदन किसी भी खेल में काशू को शामिल नहीं करना चाहता था?

 

लेखक का कहना है कि सामाजिक भेदभाव के कारण ही अमीर लोग, गरीबों पर अत्याचार करते हैं। अगर सभी गरीब एक साथ हो जाए तो अमीरी द्वारा किए जाने वाला अत्याचार बंद हो जाएगा।

 

प्रश्न 7. विष के दाँत कहानी का नायक कौन है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- `विष के दाँत’ नलिन विलोचन शर्मा द्वारा लिखित कहानी है। इस कहानी का नायक गिरधरलाल का बेटा मदन है। मदन एक प्रिय बालक है। इसी कारण मदन ड्राइवर की

बातों का विरोध करता है। मदन काशू को अपने खेल में शामिल नहीं करता है, क्योंकि काशू के झगड़े का कारण ही मदद अपने पिता के हाथों द्वारा मार खाता है। अतः कहानी के आरंभ से लेकर अंत तक मदन का ही चर्चा होता है।

 

प्रश्न 8. लेखक किस विडंबना की बात करता है? विडंबना का स्वरूप क्या है?

उत्तर:- लेखक के अनुसार जिस कारण आज के समाज में जातिवादी विचार फल-फूल रहा है। लेखक का कहना है कि इस युग में भी कुछ लोग जातिवाद के समर्थक और पोषक बने हुए हैं, जबकि विश्व के किसी समाज में जातिवाद पर आधारित श्रम विभाजन नहीं है। विडंबना का मुख्य कारण यही है, क्योंकि इससे मनुष्य में नींच – ऊँच की भावना प्रकट होती है और मनुष्य को जन्म से ही किसी काम-धंधे में बांध देती है।विडंबना का मुख्य स्वरूप यही है कि समाज को श्रम के आधार पर बना दिया जाए।

 

प्रश्न 9. जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते हैं?

उत्तर:- जातिवाद के पोषकों का कहना है कि कर्म के अनुसार जाति का विभाजन हुआ था। इससे कार्य कुशलता में वृद्धि होती है। आधुनिक सभ्य समाज कार्य-कुशलता के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानती है।

 

प्रश्न 10. जाति भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती ?

उत्तर:- लेखक का कहना है कि जाति भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप से नहीं है, क्योंकि यह मनुष्य की रूचि पर आधारित नहीं है। मनुष्य अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करता है।

 

प्रश्न 11. लेखक ने पाठ में किन पहलुओं से जाति प्रथा कोए क हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया हैं? 

उत्तर:- लेखक के अनुसार जाति प्रथा पर आधारित श्रम विभाजन नहीं है, क्योंकि यह मनुष्य में भेदभाव की भावना प्रकट करती है और मनुष्य अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करता है। इसलिए लेखक जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में माना है।

प्रश्न 12. जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है?

उत्तर:- जाति-प्रथा मनुष्य को जीवन भर के लिए किसी काम-धंधे में बाँध देती है और मनुष्य को किसी अन्य काम करने की अनुमति नहीं देती है। जब मनुष्य अपना कार्य बदलने की कोशिश करता है तो जाति प्रथा उस कार्य को बदलने की अनुमति नहीं

देती है। जिसके कारण भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।

 

 

 

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